संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से शिक्षाविदों, संस्कृतानुरागियों, शिक्षकों एवं छात्रों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करते हुए मुझे अपार हर्ष हो रहा है। इस विश्वविद्यालय एवं इससे सम्बद्ध महाविद्यालयों में कार्यरत प्राचार्यो, शिक्षकों, शिक्षेकत्तर कर्मचारियों, प्रिय छात्रों एवं राज्य के संस्कृत, संस्कृति प्रेमी भाई, बहनों से मेरा आग्रहपूर्वक निवेदन है कि हम अपने पुरुषार्थ, परिश्रम, योग्यता एवं साधना से संस्कृत की पताका को हिमालय के सर्वोच्च शिखर पर प्रतिष्ठित करें।
वर्तमान समय संस्कृत, कम्प्यूटर और विज्ञान के बीच अभूतपूर्व सम्भावनाओं का है, इसलिए संस्कृत विश्वविद्यालय ने संस्कृत, कम्प्यूटर के अन्तर्सम्बन्ध पर आधारित शैक्षिक गतिविधियों को भी अपनी प्राथमिकता प्रदान की है। आज देश के विभिन्न संस्कृत विश्वविद्यालय में यह अपना स्थान बना चुका है। विगत कुछ दशकों से देशभर में पुनः संस्कृत भाषा का व्यापक प्रचार-प्रसार दिखाई देता हैं। उस संस्कृत भाषा के संरक्षण, उन्नयन, आधुनिक ज्ञानविज्ञान के नवाचार और नवोन्मेष के लिए यह विश्वविद्यालय सक्रिय है।