इस विद्या मंदिर के मूल स्वरुप की स्थापना सन् 1916 ई0 में बसन्त पंचमी के पावन अवसर पर स्व नाम धन्य स्व0 ठा0 शमशेर बहादुर सिंह तत्कालीन कलेक्टर चकियां, काशी स्टेट ने अपनी जन्म भूमि ग्राम गुतवन में अपने पिता के स्मृति में की थी। वर्ष 1916 से ही प्रथमा से आचार्य पर्यन्त तक की कक्षाऐं प्रारम्भ हुई। संस्था की विकास यात्रा के क्रम में सन् 1981 में आदर्श श्री वासुदेव जू0हा0 स्कूल, सन् 2002 में आदर्श श्री वासुदेव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं सन् 2006 में आदर्श श्री वासुदेव इण्टर कालेज, सन् 2012 में श्री वासुदेव प्राथमिक शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना हुई। संस्कृत महाविद्यालय को यू0जी0सी0 से सम्बद्धता 07 जनवरी 2007 को प्राप्त हुई। संस्कृत महाविद्यालय में व्याकरण एवं साहित्य की कक्षाएं प्रथमा से आचार्य पर्यन्त तक संचालित हो रही है। संस्था वर्तमान में आज श्रेष्ठता की दृष्टि से एक उच्च एवं लब्धप्रतिष्ठित संस्थान के रुप में विद्यमान है। इसकी गरिमामयी शिक्षण व्यवस्था के परिणामस्वरुप कई लब्ध प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य, व्याकरणाचार्य, उच्चकोटि के चिन्तक, साहित्यकार, शिक्षाविद्, समाजसेवी, प्रशासनिक अधिकारी, निष्णात् कर्मकाण्ड के विद्ववानों का आर्विभाव हुआ। यह संस्था अपने पूज्य लोक चिन्तक एवं विद्यानुरागी ठा0 शमशेर बहादुर सिंह (कलेक्टर) जी की कल्पना का ऐसा मूर्त रुप है जो सतत् प्रगति के पथ पर अग्रसर रहते हुए सामाजिक चेतना, राष्ट्रीय भावना, वर्गविहीन समता मूलक समाज की स्थापना एवं मानवतावाद की भावना के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।